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Where State Function is Made ​​of Fluttering Tricolor

भागलपुर में बना तिरंगा पटना के गांधी मैदान में गणतंत्र दिवस से लेकर स्वतंत्रता दिवस तक में राजकीय समारोह की शान बढ़ाता है। यहां बने तिरंगों की सिर्फ बिहार में ही नहीं, बल्कि कई अन्य राज्यों में भी मांग है। इसलिए गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के समय स्थानीय मांग को पूरा करने के लिए झंडे बनाए जाते हैं, जबकि अन्य दिनों में दूसरे राज्यों की मांग पूरी की जाती है।

तिरंगे की मांग का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हर साल सात से आठ लाख का कारोबार होता है। नया बाजार स्थित भागलपुर जिला खादीग्राम उद्योग संघ का साढ़े तीन एकड़ के विशाल परिसर है, जहां जिले के विभिन्न खादी ग्रामोद्योगों में तैयार कपड़ों से तिरंगे बनाए जाते हैं। मोइन, सज्जाद और बबलू तिरंगे की छपाई से लेकर सिलाई तक का काम करते हैं।

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तिरंगा फहराने की अनिवार्यता से भी बढ़ी मांग

कुछ साल पहले राज्य सरकार ने महादलित टोले में तिरंगा फहराने को अनिवार्य कर दिया। इसके बाद से तिरंगे के बाजार में और उछाल आया है। जिला खादी ग्रामोद्योग संघ के सतेंद्र प्रकाश ने बताया कि पहले स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस पर औसतन 2-3 लाख रुपये का ही कारोबार होता था, जो अब बढ़कर 4 लाख रुपये के करीब पहुंच चुका है। सालाना कारोबार सात से आठ लाख तक पहुंच जाता है। अनुमान है कि इस स्वतंत्रता दिवस पर भी 700-800 तिरंगे व टोपी की बिक्री होगी।

खादी के कपड़ों का कारोबार, 100 करोड़ पार

खादी के कपड़ों के प्रति युवाओं में दिलचस्पी बढ़ी है। जिला खादी ग्रामोद्योग के कर्मियों ने बताया कि आज युवक ही नहीं, युवतियां भी खादी कपड़े पहनना पसंद करती हैं। इसलिए कारोबार भी बढ़ रहा है। राज्य सरकार ने 2005 के बाद 10 वर्ष की लंबित छूट की राशि का भुगतान दिया। इससे खादी भंडार की स्थिति सुधरी है। कामगारों को समय पर मेहनताना मिल रहा है। 2005-06 में जहां 50 लाख रुपये तक का कारोबार मुश्किल से होता था, वह आज 100 करोड़ पार कर चुका है।

ये हैं खासियत

– छह साइज में तैयार होते हैं तिरंगे

– सिल्क व सूती के कपड़ों के बनते हैं झंडे

– 9/6 इंच का है सबसे छोटा (कार) झंडा

– 30/45 इंच (जनरल) की सबसे ज्यादा मांग

– 48/72 इंज (स्पेशल) होता है सबसे बड़ा झंडा

कीमतों पर एक नजर

साइज सूती सिल्क

9/6 इंच 40 60 रुपये

30/45 इंच 250 850 रुपये

48/72 इंज 400 1700 रुपये

(यह खुदरा बिक्री की कीमत है)

भागलपुर में बने तिरंगे की मांग बिहार ही नहीं, दूसरे राज्यों में भी है। यहीं तैयार तिरंगा गांधी मैदान में फहराया जाता है। साथ ही मांग के आधार पर नागलैंड सहित अन्य राज्यों में भी तिरंगे भेजे जाते हैं।

source:-livehindustan

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